टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में जेवलिन थ्रो में भारत के नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने कमाल का परफॉर्मेंस करते हुए भारत को गोल्ड मेडल जीता दिया है. ओलंपिक के इतिहास में यह पहली बार हुआ है टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में जेवलिन थ्रो में भारत के नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने कमाल का परफॉर्मेंस करते हुए भारत को गोल्ड मेडल जीता दिया है. ओलंपिक के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब भारत को एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल मिला है.. इस मेडल के साथ ही टोक्यो ओलंपिक में भारत के खाते में 7 मेडल आए हैं जिससे एक रिकॉर्ड बन गया है. ओलंपिक में पहली बार भारत को 7 मेडल मिले हैं. लंदन ओलंपिक 2012 में भारत के नाम 6 मेडल थे, टोक्यो ओलंपिक में रेसलर बजरंग पूनिया ने भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाबी पाई है. भारतीय टीम (India Medal) का परफॉर्मेंस पिछले कुछ समय से अच्छा रहा है. भले ही इस बार जिन खिलाड़ियों से से ज्यादा उम्मीद थे उन खिलाड़ियों का परफॉर्मेंस औसत ही रहा. चाहे वो तीरंदाजी में दीपिका कुमारी हों या फिर अतनु दास, सभी ने इस बार निराश किया. कुश्ती में महिला पहलवान विनेश फोगाट की किस्मत ने उन्हें धोखा दिया और वो अगले राउंड में भी नहीं पहुंच पाईं. पीवी सिंधु, मीरा बाई चानू और भारतीय हॉकी टीम ने शानदार खेल दिखाकर उन खिलाड़ियों की असफलताओं को भुला दिया है. भारतीय पुरूष हॉकी (Indian hockey Team) टीम 41 साल के बाद ओलंपिक में मेडल जीतने में सफल रही है तो वहीं वेटलिफ्टिंग में 20 साल के बाद कोई मेडल आया है. इसके अलावा पीवी सिंधु ओलंपिक के इतिहास में लगातार 2 ओलंपिक में भारत की ओर से मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी बनी है. पीवी सिंधु ने व्यक्तिगत स्पर्धा में यह कमाल कर